ए दोस्त तेरी दोस्ती पर नाज़ करते हैं, हर वक्त मिलने की हमें नहीं पता घर वाले बताते हैं, हम नींद में भी आपसे बात करते हैं
दोस्ती यो नहीं जो जान देती है, दोस्ती वो भी नहीं जो मुस्कान देती है, अरे सच्ची दोस्ती तो वो है जो पानी में गिरा हुआ आंसू भी पहचान लेती है
आदतें अलग हैं मेरी, दुनिया वालों से, दोस्त कम रखता हूँ पर, लाजवाब रखता हूँ!
भले ही अपने जीगरी दोस्त कम है, पर जीतने भी है परमाणु बम है
2 Comments
Dosti ke bagair jindagi adhuri hai
ReplyDeleteNice 👌
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