Md Alquama

Woh mujh per ajeeb assar rakhta hai..!!!!


चांद रोज़ छत पर आकर इतराता बहुत था, कल रात मैंने भी उसे तेरी तस्वीर दिखा दी........!!!

अजीब सी बेताबी है तेरे बिना, रह भी लेते है और रहा भी नही जाता…..!!!

तु मिल गई है तो मुझ पे नाराज है खुदा, कहता है की तु अब कुछ माँगता नहीं है.....!!!

अपनी सांसों में महकता पाया है तुझे, हर खवाब मे बुलाया है तुझे, क्यू न करे याद तुझ को, जब खुदा ने हमारे लिए बनाया है तुझे........!!!

दिल की किताब में गुलाब उनका था, रात की नींद में ख्वाब उनका था, कितना प्यार करते हो जब हमने पूछा, मर जायंगे तुम्हारे बिना ये जबाब उनका था......!!!

हमारी तडप तो कुछ भी नहीं है हुजुर, सुना है कि आपके दिदार के लिए तो आइना भी तरसता है…...!!!

पूछते थे ना कितना प्यार है हमें तुम से, लो अब गिन लो… ये बूँदें बारिश की…...!!!

पहली मुलाकात थी और हम दोनों ही बेबस थे, वो अपनी जुल्फें न संभाल पाए और हम खुद को…...!!!

मुझसे जब भी मिलो तो नज़रें उठा के मिला करो, मुझे पसंद है अपने आप को तेरी आँखों में देखना…...!!!

कोई अजनबी ख़ास हो रहा है, लगता है फिर प्यार हो रहा है.........!!!

कह दो अपने दांतों को, क़ि हद में रहें, तेरे लबों पे बस मेरे लबों का हक़ है…...!!!

दिलो जान से करेंगे हिफ़ाज़त तेरी, बस एक बार तू कह दे कि, मैं अमानत हूं तेरी.....!!!

कुछ खास नहीं इन हाथों की लकीरों में, मगर तुम हो तो एक लकीर ही काफी है…...!!!

खुदा करे, सलामत रहें दोनों हमेशा, एक तुम और दूसरा मुस्कुराना तुम्हारा.....!!!

दोनों जानते है के, हम नहीं एक-दूसरे के नसीब में, फिर भी मोहब्बत दिन-ब-दिन बे-पनाह होती जा रही है.......!!!

कितनी ख़ूबसूरत हो जाती है दुनिया, जब कोई अपना कहता है की तुम बहुत याद आ रहे हो.......!!!

शान से हम तेरे दिल में रहेंगे, तेरी मोहब्बत पे जान निसार करेंगे, देख के जलेंगी हमे दुनिया सारी, इस कदर बे-पनाह तुझे प्यार करेंगे......!!!

जब से देखा है तेरी आँखो मे झाँक कर, कोई भी आईना अच्छा नही लगता, तेरी मोहब्बत मे ऐसे हुए है दीवाने, तुम्हे कोई और देखे तो अच्छा नही लगता........!!!

क्यू बार बार ताकते हो शीशे को,नज़र लगाओगे क्या मेरी इकलौती मुहब्बत को…..!!!

तू चाँद और मैं सितारा होता, आसमान में एक आशियाना हमारा होता, लोग तुम्हे दूर से देखते, नज़दीक़ से देखने का हक़ बस हमारा होता......!!!

तेरी आवाज़ से प्यार है हमें, इतना इज़हार हम कर नहीं सकते, हमारे लिए तू उस खुदा की तरह है, जिसका दीदार हम कर नहीं सकते….....!!!

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