मुझमें लाख बुराईयां है लेकिन एक खूबी भी है मैंने कभी भी कोई रिश्ता मतलब के लिए नहीं रखा..
जरुरी नही कि कुछ तोड़ने के लिए पत्थर ही मारा जाये. लहजा बदल कर बोलने से भी बहुत कुछ टूट जाता है..
मैं हर तकलीफ को मुस्कुराकर क्या सह लेता हूं लोगों को लगता है मुझे दर्द ही नहीं होता!
मेरी मोहब्बत पर उनको एूतबार नहीं रहा अब पहले जैसा कुछ भी मेरे यार नहीं रहा कहने को तो वो कहते हैं कि प्यार है मुझसे सच पूछो तो उनको मुझसे अब प्यार नहीं रहा
उदाश कर देती है हर रोज ये शाम मुझे लगता है तू भूल रहा है मुझे धीर-धीरे।
जिंदगी में कुछ हादसे ऐसे होते है इंसान जिंदा तो रहता है लेकिन अंदर से मर जाता है...
0 Comments