Md Alquama

अब तक जिसका खून न खौला, खून नहीं वो पानी है जो देश के काम ना आये, वो बेकार जवानी है, 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस की बधाई।


15 August
अब तक जिसका खून न खौला, खून नहीं वो पानी है जो देश के काम ना आये, वो बेकार जवानी है, 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस की बधाई। कुछ नशा तिरंगे की आन का है, कुछ नशा मातृभूमि की मान का है, हम लहराएंगे हर जगह इस तिरंगे को, हम लहराएंगे हर जगह इस तिरंगे को, ऐसा नशा ही कुछ हिंदुस्तान की शान का हैं।
तन हमारा मिसाल है मोहब्बत की, तोड़ता है दीवारें नफरत की, ये मेरी खुश नसीबी है जो मिली जिन्दगी इस चमन में… और भुला न सके कोई भी इसकी खूशबु सातों जनम में… आओ झुक कर सलाम करे उन्हें, जिनकी ज़िन्दगी में ये मुकाम आया है, किस कदर खुशनसीब है वो लोग, जिनका लहू भारत देश के काम आया है स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभ कामनायें। दे सलामी इस तिरंगे को जिस से तेरी शान हैं, सर हमेशा ऊँचा रखना इसका जब तक दिल में जान हैं..!! जय हिन्द, जय भारत भूल न जाना भारत माँ के सपूतों का बलिदान, इस दिन के लिए जो हुए थे हंसकर कुर्बान, आज़ादी की ये खुशियाँ मनाकर लो ये शपथ की बनायेंगे देश भारत को और भी महान.. तिरंगा हमारा शान-ए-जिंदगी, वतन परस्ती हैं वफा-ए-जमीं, देश के मर मिटना काबुल है हमें, अखंड भारत के स्वपन का जुनून हैं हमें… धर्म न हिन्दू का है ना मुसलमान का, धर्म तो बस इंसानियत का है, ये भूख से बिलकते बच्चो से पूछों। सच क्या है झूट क्या है, किसी मंदिर या मस्जिद से नहीं, बेगुनाह बच्चो की मौत पर किसी माँ से पूछो, देश का सपूत बनना है तो कर्तव्य को जानो, अधिकार की बात न करों देश के लिए जीवन न्योछावर करो। ना पूछो ज़माने को, क्या हमारी कहानी हैं हमारी पहचान तो सिर्फ ये हैं की हम सिर्फ हिंदुस्तानी हैं। दे सलामी इस तिरंगे को जिस से तेरी शान हैं, सर हमेशा ऊँचा रखना इसका जब तक दिल में जान हैं..!! गंगा यमुना यहाँ नर्मदा, मंदिर मस्जिद के संग गिरजा, शांति प्रेम की देता शिक्षा, मेरा भारत सदा सर्वदा..!! हल्की सी धूप बरसात के बाद, थोरी सी खुशी हर बात के बाद, इसी तरह मुबारक हो आप को, जशन-ए-आज़ादी 1 दिन के बाद… रिश्ता हमारा ऐसे ना तोड़ पाए कोई… दिल हमारे एक है एक है हमारी जान… हिन्दुस्तान हमारा है हम है इसकी शान… जान लूटा देंगे वतन पे हो जाएँगे क़ुरबान… इसलिए हम कहते है मेरा देश महान.. चलो फिर से आज वह नज़ारा याद कर ले, शहीदों के दिल में थी वो ज्वाला याद कर ले, जिसमे बहकर आज़ादी पहुंची थी किनारे पे देशभक्तो के खून की वो धारा याद कर ले। मैं मुस्लिम हूँ, तू हिन्दू है, है दोनों इंसान, ला मैं तेरी गीता पढ़ लूँ, तू पढ़ ले कुरान, इस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हैं मेरा बस एक ही अरमान, एक थाली में खाना खाए सारा हिन्दुस्तान।


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