र = 🌹रक्षा करना बहन की 🌹
क्षा=🌹क्षमा करना बहन को 🌹
बं = 🌹 बंधन से मुक्त करना बहन को 🌹
ध = 🌹ध्यान रखना बहन का 🌹
न = 🌹नही भूलना बहन को 🌹
भाई बहन त्योहार है, सावन में फुआर है, मीठी सी तकरार है, यही राखी का त्यौहार है। हैप्पी रक्षा बंधन
भाई की एक आवाज पर राखी के त्यौहार, पर फिर दौड़ी चली आती है बहना, बांधने भाई की कलाई पर रेशम की डोरी, दे जाती है फिर से खुशियों की गोली, हैप्पी रक्षाबंधन
मिले है भाई और बहन वर्षों बाद, नीर बह रहा है आंखों से, मुख पर है खुशियां, दिल में है प्यार, रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं।
प्रेम की डाली, मुंह पर लाली, बहना तेरे बिन सुनी है कलाई, आके भर दे खुशियों से मेरी झोली।
त्यौहार तो कायनात में सभी मनाते है, पर वो पल बेहद खूबसूरत है जब दिल के बंधन कच्चे धागों से बंध जाते है।
अपनी खुशियों को भाईयों पर वार देती है, बहने तो ताउम्र बस स्नेह और प्यार देती है! लड़ता है भाई बेशक़ वजह बेवजह बहन से, पर बहन से नोक-झोंक ही उसे करार देती है!
दूर होके भी पास होने का ये अनूठा अहसास है, हाँ, ये मेरे भाई के स्नेह और शुभकामनाओं का ही प्रकाश है।”
म से प्यारी और न्यारी कोई नहीं , लड़ती हो, झगड़ती हो, डाँटती हो, हक़ जमाती हो, पर ख्याल भी रखती हो तुम मेरा बहना।
कसमें वादे रिश्ते सब भूल जाते है, एक में सब मुझको परायी कर देंते है, बस भाई ही है जो बहन को हर पल याद रखता है।
राखी का त्यौहार है राखी बंधवाने को भाई तैयार है, भाई बोला बहना मेरी अब तो राखी बांध दो, बहना बोली “कलाई पीछे करो, पहले उपहार दो”
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