बदलती चीज़ें हमेशा अच्छी लगती हैं... लेकिन, बदलते हुए अपने कभी अच्छे नहीं लगते....!!!
अजीब लोग बसते है तेरे शहेर मे जालीम, मरम्त कांच की करते है पथ्थर के औझार से......!!!
अहेसान तो तेरा भी है एक मुझ पर ज़ालीम, इन नजरों से ना तु नीकला... न मुझे नीकलने दीया......!!!
हम ने कब माँगा है तुम से अपनी वफ़ाओं का सिला बस दर्द देते रहा करो "मोहब्बत" बढ़ती जाएगी.....!!!
मैं अपनी चाहतों का हिसाब करने जो बेठ जाऊ, तुम तो सिर्फ मेरा याद करना भी ना लोटा सकोगे…...!!!
उसे ये कोन बतलाये... उसे ये कोन समझाए कि, खामोश रहने से ताल्लुक टूट जाते है....!!!
समंदर के बीच पहुँच कर फ़रेब किया उसने, वो कहता तो सही… किनारे पर ही डूब जाते हम.....!!!
इस दुनिया के लोग भी कितने अजीब है ना, सारे खिलौने छोड़ कर जज़बातों से खेलते हैं…!!!
वो जान गया हमें दर्द में भी मुस्कुराने की आदत है, इसलिए वो रोज़ नया दुःख देता है मेरी ख़ुशी के लिए.....!!!
इतना, आसान हूँ कि हर किसी को समझ आ जाता हूँ, शायद तुमने ही... पन्ने छोड़ छोड़ कर पढ़ा है मुझे.…!!!
ख़बरदार दुबारा मोहब्बत न करना, जरुरी नहीं हर बार खुदकुशी की कोशिश करके जिन्दा बच जाओगे....!!!
मोहब्बत भी होती है तो ज़रुरत के पेश-ए-नज़र, अब एक नज़र में लुट जाने का ज़माना नहीं रहा…..!!!
जिन्दगी आज कल गुजर रही है इम्तिहानो के दौर से, एक जख्म भरता नही दूसरा आने की जिद करता है….!!!
भरम है.. तो भरम ही रहने दो…. जानता हूं मोहोब्बत नहीं है, पर जो भी है… कुछ देर तो रहने दो…!!!
फिर कहीं से दर्द के सिक्के मिलेंगे, ये हथेली आज फिर खुजला रही है........!!!
पढ़नेवाले की कमी है, वरना…गिरते आँसू भी एक किताब है……!!!
मैं मर भी जाऊ... तो उसे ख़बर भी ना होने देना, मशरूफ़ सा शख्स है... कही उसका वक़्त बर्बाद ना हो जाये…!!!
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