ऐ खुदा…!!
तुजसे एक सवाल है मेरा, उसके चहेरे क्यूँ नहीं बदलते, जो इन्शान "बदल" जाते है.….!!!
तेरी मुहब्बत भी किराये के घर की तरह थी, कितना भी सजाया पर मेरी नहीं हुई….!!!
कैसे करूं मुकदमा उस पर उसकी बेवफाई का, कमबख्त ये दिल भी उसी का वकील निकला…...!!!
मुझे दफनाने से पहले मेरा दिल निकाल कर उसे दे देना, मैं नही चाहता के वो खेलना छोङ दे.....…!!!
मैंने आंसू को समझाया, भरी महफ़िल में ना आया करो, आंसू बोला, तुमको भरी महफ़िल में तन्हा पाते है, इसीलिए तो चुपके से चले आते है….!!!
रात सारी तड़पते रहेंगे हम, अब...आज फिर ख़त तेरे पढ़ लिए शाम को.....!!!
ना आना लेकर उसे मेरे जनाजे में, मेरी मोहब्बत की तौहीन होगी, मैं चार लोगो के कंधे पर हूंगा, और मेरी जान पैदल होगी...!!!
तेरी आरज़ू मेरा ख्वाब है, जिसका रास्ता बहुत खराब है, मेरे ज़ख़्म का अंदाज़ा ना लगा, दिल का हर पन्ना दर्द की किताब है…..!!!
हमने दिल जो वापीस मांगा तो सिर जुका के बोले, वो तो टुंट गया युहि खेलते खेलते…….!!!
खुशियाँ तो कब की रूठ गयी हैं काश की, इस ज़िन्दगी को भी किसी की नज़र लग जाये....!!!
मोहब्बत के बाद मोहब्बत मुमकिन तो है, पर टूट कर चाहना सिर्फ एक बार होता है.......!!!
कौन खरीदेगा अब हीरों के दाम में तुम्हारें आंशू, वो जो दर्द का सौदागर था, मोहब्बत छोड़ दी उसने......!!!
काश वो नगमे सुनाए ना होते, आज उनको सुनकर ये आँसू आए ना होते, अगर इस तरह भूल जाना ही था, तो इतनी गहराई से दिल्मे समाए ना होते….!!!
ऐ ज़िन्दगी तू अपनी रफ़्तार पे ना इतरा, जो रोक ली मैंने अपनी साँसें तो तू भी चल ना पायेगी…!!!
मेरी सब कोशिशें नाकाम थी उनको मनाने कि, कहाँ सीखीं है ज़ालिम ने अदाएं रूठ जाने कि....!!!
ज़िन्दगी ने आज कह दिया है मुझे, किसी और से प्यार है, मेरी मौत से पूछो, अब उसे किस बात का इंतज़ार है.....!!!
पैसे के नशे में जब आदमी चूर होता है, उसे लालच का हर फैसला मंजूर होता है.....!!!
जिंदगी तो उसकी है जिसकी मौत पे जमाना अफसोस करे, वरना जनम तो हर किसी का मरने के लिए ही होता है….!!!
साथ छोडने वालो को तो बस.. ऐक बहाना चाहिए, वरना निभाने वाले तो मौत के दरवाझे तक साथ नही छोडते.....!!!
छोड दी हमने हमेशा के लिए उसकी आरजू करना, जिसे मोहब्बत की कद्र ना हो उसे दुआओ मे क्या मांगना….!!!
मैं उसकी ज़िंदगी से चला जाऊं यह उसकी दुआ थी, और उसकी हर दुआ पूरी हो यह मेरी दुआ थी.....!!!
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